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लेह लद्दाख यात्रा गाइड: यात्रा, इतिहास, खर्च, नजदीकी पर्यटन स्थल और मौसम की पूरी जानकारी | Leh Ladakh Travel Guide: How to Reach, History, Stay, Food, Budget, Near by Places & Weather

लेह लद्दाख यात्रा गाइड: कैसे जाएं, इतिहास, ठहरने की जगहें, खाना, खर्च, नजदीकी पर्यटन स्थल, सबसे अच्छा समय और मौसम

Scenic view of Leh Ladakh with mountains and Pangong lake in the background
Leh Ladakh Travel

लेह लद्दाख, भारत के सबसे खूबसूरत और रोमांचक पर्यटन स्थलों में से एक है। यह हिमालय की गोद में बसा एक ऐसा क्षेत्र है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, बौद्ध संस्कृति, और साहसिक गतिविधियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, साहसिक यात्रा के शौकीन हैं, या शांति की तलाश में हैं, तो लेह लद्दाख आपके लिए स्वर्ग के समान है। इस ब्लॉग में, हम आपको लेह लद्दाख की यात्रा से संबंधित हर पहलू के बारे में विस्तार से बताएंगे - कैसे जाएं, इसका इतिहास, ठहरने की व्यवस्था, खाने की सुविधाएं, खर्च, नजदीकी पर्यटन स्थल, सबसे अच्छा समय और मौसम। यह गाइड आपको अपनी यात्रा को यादगार बनाने में मदद करेगा। तो चलिए शुरू करते हैं!


लेह लद्दाख का परिचय

लेह लद्दाख, जो अब भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है, पहले जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा था। यह क्षेत्र अपनी ऊंची पहाड़ियों, बर्फ से ढके दर्रों, और नीले पानी की झीलों के लिए जाना जाता है। लेह लद्दाख की राजधानी लेह है, जो 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहाँ से आप हिमालय और कराकोरम रेंज के शानदार दृश्य देख सकते हैं। यह क्षेत्र न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए बल्कि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और बौद्ध मठों के लिए भी प्रसिद्ध है।

लेह लद्दाख की यात्रा एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है, जहाँ आप सड़क यात्रा, ट्रेकिंग, मोटरसाइकिल सवारी, और प्रकृति के बीच शांति का आनंद ले सकते हैं। लेकिन इस यात्रा की योजना बनाते समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे ऊंचाई से होने वाली परेशानियां, मौसम, और परमिट। इस गाइड में हम इन सभी पहलुओं को कवर करेंगे।


लेह लद्दाख का इतिहास

लेह लद्दाख का इतिहास बहुत समृद्ध और रोचक है। इस क्षेत्र का प्राचीन नाम "मरयूल" था, जिसका अर्थ है "लाल देश"। इसका इतिहास 10वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब यह तिब्बती साम्राज्य का हिस्सा था। 10वीं शताब्दी में लद्दाख को एक स्वतंत्र राज्य घोषित किया गया, और इसके पहले शासक ल्हाचेन पाल्गोन थे।

प्रारंभिक इतिहास

लद्दाख की स्थापना लगभग 950 ईस्वी में हुई, जब तिब्बती राजकुमार स्क्योरो ने इस क्षेत्र पर शासन शुरू किया। इस समय यह क्षेत्र बौद्ध धर्म का केंद्र बन गया। 13वीं शताब्दी में मंगोल आक्रमणों ने इस क्षेत्र को प्रभावित किया, लेकिन लद्दाख ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा। 16वीं शताब्दी में नमग्याल वंश के शासकों ने लद्दाख को एक शक्तिशाली राज्य बनाया, और लेह पैलेस का निर्माण इसी दौरान हुआ।

मुगल और डोगरा शासन

17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब ने लद्दाख पर हमला किया, लेकिन बाद में 1684 में एक संधि के तहत लद्दाख ने मुगलों को कर देना स्वीकार किया। 19वीं शताब्दी में डोगरा राजा गुलाब सिंह ने लद्दाख को अपने राज्य में मिला लिया, और यह जम्मू और कश्मीर का हिस्सा बन गया। 1947 में भारत की आजादी के बाद, लद्दाख ने भारत के साथ अपनी वफादारी बनाए रखी, और 2019 में इसे जम्मू और कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।

सांस्कृतिक प्रभाव

लद्दाख की संस्कृति में तिब्बती प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यहाँ के मठ, जैसे हेमिस, थिक्से, और शे मठ, बौद्ध धर्म के महत्व को दर्शाते हैं। साथ ही, यह क्षेत्र सिल्क रूट का हिस्सा रहा, जिसने इसे मध्य एशिया और भारत के बीच एक व्यापारिक केंद्र बनाया। आज भी यहाँ की वास्तुकला, त्योहार, और जीवनशैली इस समृद्ध इतिहास की याद दिलाती है।


लेह लद्दाख कैसे जाएं?

लेह लद्दाख तक पहुँचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। आप हवाई जहाज, सड़क, या ट्रेन के माध्यम से यहाँ तक यात्रा कर सकते हैं। नीचे इन सभी तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई है:

हवाई मार्ग से

  • निकटतम हवाई अड्डा: कुशोक बकुला रिम्पोचे हवाई अड्डा, लेह।
  • कनेक्टिविटी: यह हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, श्रीनगर, और जम्मू जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। एयर इंडिया, इंडिगो, और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस यहाँ नियमित उड़ानें संचालित करती हैं।
  • यात्रा समय: दिल्ली से लेह तक उड़ान में लगभग 1.5 घंटे का समय लगता है।
  • लाभ: हवाई मार्ग सबसे तेज और सुविधाजनक विकल्प है, खासकर सर्दियों में जब सड़कें बंद रहती हैं।
  • ध्यान देने योग्य: ऊंचाई के कारण उड़ान के बाद कुछ लोगों को ऊंचाई रोग (Altitude Sickness) हो सकता है, इसलिए पहले 1-2 दिन आराम करें।

सड़क मार्ग से

  • निकटतम रास्ते: लेह तक पहुँचने के लिए दो मुख्य सड़क मार्ग हैं - मनाली-लेह राजमार्ग (473 किमी) और श्रीनगर-लेह राजमार्ग (434 किमी)।
  • यात्रा समय: मनाली से लेह तक 2-3 दिन और श्रीनगर से 1.5-2 दिन लग सकते हैं, यह रुकने और मौसम पर निर्भर करता है।
  • सुविधा: आप अपनी कार, बाइक, या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। मोटरसाइकिल सवारी, खासकर रॉयल एनफील्ड, यहाँ बहुत लोकप्रिय है।
  • सावधानियां: सड़कें ऊंचाई वाले दर्रों (जैसे खारदुंग ला, रोहतांग) से होकर गुजरती हैं, इसलिए अनुभवी ड्राइवर और अच्छी तैयारी जरूरी है। मई से अक्टूबर तक ही सड़कें खुली रहती हैं।
  • खर्च: बाइक किराए पर लेने का किराया लगभग 1,000-2,000 रुपये प्रति दिन और ईंधन अलग से।

रेल मार्ग से

  • लेह में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी (700 किमी) या श्रीनगर (660 किमी) है। वहाँ से आपको सड़क मार्ग या हवाई जहाज से लेह तक जाना होगा।
  • विकल्प: जम्मू से बस या टैक्सी ले सकते हैं, जो 15-20 घंटे का सफर हो सकता है।

परमिट और आवश्यक दस्तावेज

  • भारतीय नागरिकों को लेह शहर में परमिट की आवश्यकता नहीं है, लेकिन पंगोंग झील, नुब्रा वैली, और त्सो मोरिरी जैसे संरक्षित क्षेत्रों के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) लेना जरूरी है। यह ऑनलाइन या लेह डीसी ऑफिस से प्राप्त हो सकता है।

  • विदेशी पर्यटकों को प्रोटेक्टेड एरिया परमिट (PAP) की जरूरत होती है, जो 2 या अधिक लोगों के समूह में लिया जा सकता है।

  • पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी) साथ रखें।


लेह लद्दाख में ठहरने की जगहें

लेह लद्दाख में हर बजट के लिए ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। चाहे आप बजट ट्रैवलर हों या लग्जरी की तलाश में, यहाँ सभी के लिए कुछ न कुछ है।

बजट ठहरने की जगहें

  • हॉस्टल और गेस्टहाउस: जोस्टल, गोजेस्टॉप्स, और शाओलिन गेस्टहाउस जैसे हॉस्टल में रात का किराया 500-1,000 रुपये प्रति व्यक्ति है। ये साझा कमरों और बुनियादी सुविधाओं के साथ आते हैं।
  • होमस्टे: स्थानीय परिवारों के साथ रहने का अनुभव ले सकते हैं, जो 800-1,500 रुपये प्रति दिन में उपलब्ध हैं। यहाँ आपको स्थानीय खाना और संस्कृति का अनुभव मिलता है।
  • कैंपिंग: पंगोंग झील और नुब्रा वैली में टेंट में रुकने का विकल्प है, जो 1,500-3,000 रुपये प्रति रात में मिलता है।

मध्यम श्रेणी के होटल

  • होटल: लेह में होटल सिटी पैलेस, स्पिक एन स्पैन, और पद्मा गेस्टहाउस जैसे विकल्प 2,000-5,000 रुपये प्रति रात में उपलब्ध हैं। इनमें वाई-फाई, गर्म पानी, और अच्छा भोजन शामिल है।
  • रिसॉर्ट: नुब्रा और लेह के पास रिसॉर्ट्स 4,000-7,000 रुपये में मिलते हैं, जो शानदार दृश्य और आरामदायक सुविधाएं प्रदान करते हैं।

लग्जरी ठहरने की जगहें

  • लग्जरी होटल: द ग्रैंड ड्रैगन और स्टोक पैलेस हेरिटेज होटल जैसे 5-सितारा होटल 10,000-20,000 रुपये प्रति रात में उपलब्ध हैं। इनमें हीटेड कमरे, स्पा, और शानदार रेस्तरां हैं।
  • लग्जरी कैंप: पंगोंग और नुब्रा में लग्जरी कैंप 5,000-10,000 रुपये प्रति रात में मिलते हैं, जो आधुनिक सुविधाओं के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद देता है।

सुझाव

  • पीक सीजन (जून-अगस्त) में पहले से बुकिंग कर लें, क्योंकि जगहें जल्दी भर जाती हैं।
  • ऊंचाई के कारण गर्म कपड़े और चिकित्सा किट साथ रखें।
  • होटल में ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा की जाँच करें।

लेह लद्दाख में खाना

लद्दाख का खाना तिब्बती, चीनी, और भारतीय व्यंजनों का मिश्रण है। यहाँ का भोजन ऊर्जा देने वाला और स्वादिष्ट होता है, जो ऊंचाई और ठंडे मौसम के लिए उपयुक्त है।

लोकप्रिय व्यंजन

  • थुक्पा: यह नूडल्स की सूप है, जिसमें सब्जियाँ और मांस मिलाया जाता है। कीमत 100-200 रुपये।
  • मोमोज: भाप में पके डम्पलिंग्स, जो वेज या नॉन-वेज में मिलते हैं। कीमत 80-150 रुपये।
  • स्क्यु: आलू और सब्जियों के साथ पकाई गई पास्ता डिश, कीमत 120-180 रुपये।
  • टसम्पा: भुना जौ का आटा, जो स्थानीय लोगों का मुख्य भोजन है। कीमत 50-100 रुपये।
  • बटर टी: नमक और मक्खन के साथ बनी चाय, जो ऊर्जा देती है। कीमत 30-60 रुपये।

रेस्तरां और कैफे

  • लेह बाजार: यहाँ स्थानीी ढाबे और रेस्तरां सस्ता और स्वादिष्ट खाना देते हैं।
  • पेंगिंग कैफे: पंगोंग झील के पास, यहाँ ताजा व्यंजन और शानदार दृश्य मिलते हैं।
  • चॉपस्टिक्स: एशियाई व्यंजन के लिए प्रसिद्ध, कीमत 150-300 रुपये।
  • हैंगआउट: तिब्बती खाने के लिए बेस्ट, खासकर मोमोज और थुक्पा।

सुझाव

  • शाकाहारी और मांसाहारी दोनों विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन मांसाहारी भोजन में याक का मांस आम है।
  • पानी की बोतलें (30 रुपये प्रति लीटर) और बीयर (150-200 रुपये) ले सकते हैं।
  • ऊंचाई पर शराब से बचें, क्योंकि यह ऊंचाई रोग को बढ़ा सकता है।

लेह लद्दाख में खर्च

लद्दाख की यात्रा का खर्च आपके बजट, यात्रा के तरीके, और ठहरने की जगह पर निर्भर करता है। नीचे एक अनुमानित खर्च चार्ट दिया गया है:

बजट यात्रा (प्रति व्यक्ति, 7 दिन)

  • हवाई किराया (दिल्ली से): 5,000-8,000 रुपये (आना-जाना)।
  • ठहरना: 500-1,000 रुपये प्रति दिन (हॉस्टल/होमस्टे) = 3,500-7,000 रुपये।
  • खाना: 500-700 रुपये प्रति दिन = 3,500-4,900 रुपये।
  • परिवहन (स्थानीय): 1,000-2,000 रुपये (टैक्सी/बाइक)।
  • परमिट और अन्य: 500-1,000 रुपये।
  • कुल: 13,500-23,800 रुपये।

मध्यम बजट (प्रति व्यक्ति, 7 दिन)

  • हवाई किराया: 5,000-8,000 रुपये।
  • ठहरना: 2,000-4,000 रुपये प्रति दिन (होटल) = 14,000-28,000 रुपये।
  • खाना: 800-1,200 रुपये प्रति दिन = 5,600-8,400 रुपये।
  • परिवहन: 3,000-5,000 रुपये (टैक्सी/टूर)।
  • कुल: 27,600-49,400 रुपये।

लग्जरी यात्रा (प्रति व्यक्ति, 7 दिन)

  • हवाई किराया: 5,000-8,000 रुपये।
  • ठहरना: 10,000-15,000 रुपये प्रति दिन (लग्जरी होटल) = 70,000-1,05,000 रुपये।
  • खाना: 1,500-2,000 रुपये प्रति दिन = 10,500-14,000 रुपये।
  • परिवहन: 5,000-10,000 रुपये (निजी वाहन)।
  • कुल: 90,500-1,37,000 रुपये।

सुझाव

  • सस्ता किराया पाने के लिए उड़ानें 1-2 महीने पहले बुक करें।
  • स्थानीय बाजारों से सामान खरीदने से पैसे बचाए जा सकते हैं।
  • ग्रुप में यात्रा करने से परिवहन का खर्च कम होता है।

नजदीकी पर्यटन स्थल

लेह लद्दाख के आसपास कई खूबसूरत जगहें हैं, जो आपकी यात्रा को और रोचक बनाती हैं।

1. पंगोंग झील

  • दूरी: लेह से 150 किमी।
  • विशेषता: 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह खारे पानी की झील, अपनी नीले रंग के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा अद्भुत होता है।
  • सुविधा: टेंट में रुक सकते हैं, किराया 1,500-5,000 रुपये।
  • सुझाव: परमिट लेना जरूरी है।

2. नुब्रा वैली

  • दूरी: लेह से 120 किमी।
  • विशेषता: ऊँट सफारी और डिस्किट मठ यहाँ के आकर्षण हैं। खारदुंग ला दर्रा (5,602 मीटर) रास्ते में पड़ता है।
  • सुविधा: होटल और कैंप 2,000-6,000 रुपये।
  • सुझाव: बाइक से यात्रा का आनंद लें।

3. त्सो मोरिरी

  • दूरी: लेह से 220 किमी।
  • विशेषता: भारत की सबसे ऊंची मीठे पानी की झील (4,522 मीटर), पक्षियों के लिए स्वर्ग।
  • सुविधा: कैंपिंग, किराया 2,000-4,000 रुपये।
  • सुझाव: सितंबर में जाएँ, मौसम साफ रहता है।

4. खारदुंग ला

  • दूरी: लेह से 39 किमी।
  • विशेषता: दुनिया का सबसे ऊंचा मोटर योग्य दर्रा (5,602 मीटर)।
  • सुविधा: चाय की दुकानें और फोटो पॉइंट।
  • सुझाव: सोमवार को बंद रहता है, ध्यान रखें।

5. हेमिस मठ

  • दूरी: लेह से 40 किमी।
  • विशेषता: लद्दाख का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मठ, जून में हेमिस उत्सव होता है।
  • सुविधा: नजदीक होटल उपलब्ध।
  • सुझाव: उत्सव के दौरान जाएँ।


सबसे अच्छा समय और मौसम

लेह लद्दाख का मौसम ऊंचाई के कारण बहुत चरम है। यहाँ का सबसे अच्छा समय और मौसम निम्नलिखित हैं:

गर्मी (अप्रैल-जून)

  • तापमान: दिन में 5°C से 25°C, रात में 0°C से 10°C।
  • विशेषता: सड़कें खुली रहती हैं, ट्रेकिंग और पर्यटन के लिए उपयुक्त।
  • सुझाव: मई-जून में जाएँ, भीड़ कम होती है।

मॉनसून (जुलाई-सितंबर)

  • तापमान: 10°C से 25°C।
  • विशेषता: बारिश कम होती है, लेकिन फ्लैश फ्लड का खतरा रहता है।
  • सुझाव: सितंबर का अंत अच्छा, सड़कें साफ और भीड़ कम।

सर्दी (अक्टूबर-मार्च)

  • तापमान: -20°C से 5°C।
  • विशेषता: बर्फबारी, चदर ट्रेक के लिए उपयुक्त।
  • सुझाव: केवल फ्लाइट से जाएँ, सड़कें बंद रहती हैं।

सबसे अच्छा समय

  • मई से सितंबर: यह पीक सीजन है, मौसम साफ और सड़कें खुली रहती हैं।
  • सितंबर का अंत: कम भीड़ और सस्ता ठहरना।
  • जनवरी-फरवरी: चदर ट्रेक के लिए।

मौसम सावधानियां

  • ऊंचाई रोग से बचने के लिए पहले 2 दिन आराम करें।
  • गर्म कपड़े, सनस्क्रीन, और चश्मा साथ रखें।
  • मौसम की जानकारी पहले चेक करें।

निष्कर्ष

लेह लद्दाख एक ऐसी जगह है, जो हर तरह के यात्री के लिए कुछ न कुछ पेश करती है। चाहे आप इतिहास में रुचि रखते हों, साहसिक गतिविधियों के शौकीन हों, या प्रकृति का आनंद लेना चाहते हों, यहाँ सब कुछ मिलेगा। इस गाइड ने आपको यात्रा की पूरी योजना बनाने में मदद की होगी - कैसे जाएं, कहाँ रुकें, क्या खाएं, कितना खर्च होगा, नजदीकी स्थान, और सबसे अच्छा समय।

अपनी यात्रा से पहले अच्छी तैयारी करें, स्थानीय नियमों का पालन करें, और इस खूबसूरत क्षेत्र का पूरा आनंद लें। लेह लद्दाख की यात्रा न केवल एक सैर होगी, बल्कि एक जीवन भर की यादगार बन जाएगी। तो अपनी बैग पैक करें और इस हिमालयी स्वर्ग की ओर निकल पड़ें!

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